इस्लाम को मिटा देने वाले बयान पर मुझे गर्व हैः मोदी कैबिनेट के नए मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल किया है। उनमें एक नाम कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े का भी है। हेगड़े मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले वो चेहरे हैं, जिन्होंने पिछले साल कहा था कि जब तक दुनिया में इस्लाम रहेगा तब तक आतंक नहीं रूकेगा। शांती के लिए हमें इस्लाम को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।

जब हेगड़े से उनके इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने बयान के समर्थन में कहा, “मेरे खिलाफ जो स्थानीय पुलिस थाने में केस दर्ज है वो मेरे लिए सर्टिफीकेट है, जिसपर मुझे गर्व है”।

हफिंगटन पोस्ट इंडिया को दिए इंटरव्यू में मोदी कैबिनेट के नए मंत्री हेगड़े ने कहा कि उन्हें अपने इस बयान पर कोई पछतावा नहीं बल्कि गर्व है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील मुसलमानों को जो इस्लाम आज मौजूद है उसे ख़त्म करना चाहिए और इसकी विचारधारा में सुधार करना चाहिए, ताकि यह आधुनिक और सहिष्णु हो सके।

जब हेगड़े से पूछा गया कि क्या इस्लाम शांतिपूर्ण धर्म है, तो उन्होंने कहा कि इस्लाम और शांति दो विपरीत शब्द हैं। जहां भी इस्लाम है, वहां शांति नहीं है। जहां भी शांति है, वहां कोई इस्लाम नहीं है। ये दोनों शब्द पूरी तरह से विपरीत शब्द हैं।

हेगड़े ने आगे कहा कि मुसलमान भारत में रह रहे हैं, इसलिए उन्हें भारत का पालन करना चाहिए, भारत का मतलब है हिंदू। भारत और हिन्दू के बीच कोई अंतर नहीं है क्योंकि पिछले हजारों सालों से हमारी अपनी संस्कृति, हमारी अपनी जीवित व्यवस्था है। आपके जैसे कथित बुद्धीजीवि लोगों ने इन दोनों शब्दों को बांट दिया है और इसे हिंदू बनाम भारत बना दिया है।

हेगड़े ने कहा कि पिछले कई सालों से मुसलमान हमारे जुलूस पर आपत्ति कर रहे हैं। वह हमारी पूजा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी नज़र में अल्लाह में जो विश्वास नहीं रखता, वह काफ़िर है।

हेगड़े ने पूछा कि कश्मीर, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया गया। क्या यह एक शांतिपूर्ण धर्म ऐसा करता है, फिर भी, 20 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम भारत में जी रहे हैं क्योंकि हिंदु सहिष्णु हैं। हम अल्लाह, यीशु, गणेश सबको मानते हैं, लेकिन वह (मुसलमान) अल्लाह को छोड़कर किसी को नहीं मानते। अगर आप अल्लाह में विश्वास रखते हैं, तो आपको दुनिया में रहने का अधिकार है, अन्यथा आपको मिटा देना चाहिए।

जब इस्लाम में महिलाओं के अधिकार के बारे में पूछा गया तो हेगड़े ने कहा कि कुरान और हदीस में महिलाओं के अधिकार की तो बात ही नहीं है। इस्लाम में महिलाओं के वजूद का कोई महत्व नहीं, बस उन्हें इस्तेमाल करो और फेंक दो। यही उस शांतिपूर्ण धर्म (इस्लाम) की विचारधारा है।

इंटरव्यू के आखिर में जब हेगड़े से पूछा गया कि क्या उनके मुस्लिम दोस्त नहीं तो उन्होंने कहा कि मेरे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त हैं पर वह सब प्रगतिशील मुसलमान हैं।

क्या उन्हें आपके बयानों से तकलीफ नहीं होती? इसपर हेगड़े ने जवाब दिया कि इस्लाम और अतिवाद में कोई फर्क नहीं।