अनिल अंबानी की कंपनी ने नहीं चुकाया 10 बैंकों का बयाज, शेयर 20 प्रतिशत गिरा

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को  10 भारतीय बैंकों की लोन किस्त नहीं चुका पाने के चलते एसेट बुक में स्पेशल मेंशन अकाउंट (एसएमए) कैटेगरी में डाल दिया है। अनिल की अगुआई वाली अनिल धीरूभाई अंबानी एंटरप्राइजेज की हालत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के अनुमान से भी ज्यादा खराब है।

एसएमए लोन वह लोन होता है जिसमें कर्ज लेने वाले व्यक्ति ने ब्याज नहीं चुकाया होता है। अगर तय समय के 30 दिनों के भीतर इन लोन का भुगतान नहीं किया जाता तो उसे एसएमए-1 में डाला जाता है। और अगर 60 दिनों वो कर्ज जमा नहीं करता तो उसे एसएमए-2 श्रेणी में डाल दिया जाता है।

इसके अलावा अगर 90 दिनों के बाद भी बैंक को बकाया वापस नहीं होता तो उसे नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) में डाल दिया जाता है।

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, अनिल की कंपनी को अब तक देश के 10 बैंकों ने लोन को एसएमए-1 और एसएमए-2 में डाल दिया है। एक हफ्ते बाद कुछ बैंकों को इस लोन को एनपीए की तरह देखना होगा।

बता दें कि केयर और इसरा की तरफ से दी गई इस खराब रेटिंग के बाद आरकॉम का शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गया है। हालांकि रेटिंग एजेंसियों की एसएमए लोन की जानकारियों तक पहुंच नहीं हैं, क्योंकि उसे बैंक आपस में या रिजर्व बैंक से साझा करते हैं।

केयर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस जियो के प्रभाव के कारण रिलायंस कम्युनिकेशन में गिरावट आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आरकॉम के लोन डिफॉल्ट के बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि एयरसेल और ब्रुकफील्ड के साथ समझौते के बाद कंपनी ने बैंकों से कहा कि वह 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज 30 सितंबर 2017 तक या उससे पहले चुकाएगी। इसमें सभी शेड्यूल्ड पेमेंट तो आएंगी ही, कंपनी लोन का प्री-पेमेंट भी करेगी।