स्वीडिश कंपनी एरिक्सन (Ericsson) ने रिलायंस कम्यूनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट की अवमानना से संबंधित एक याचिका दाखिल की है।
टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली एरिक्सन कंपनी ने यह याचिका निर्धारित डेडलाइन तक 550 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान नहीं करने के कारण दाखिल की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्यूनिकेशन को सितंबर अंत तक एरिक्सन के बकाए में से 550 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद रिलायंस की दिवालिया प्रक्रिया शुरु करने पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन रिलायंस ने डेडलाइन गुजर जाने के बाद भी यह भुगतान एरिक्सन को नहीं किया है।जिसके बाद एरिक्सन ने कोर्ट की अवमानना को मुद्दा बनाकर फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
इंग्लिश अख़बार इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, रिलायंस कम्यूनिकेशन ने एरिक्सन से यह डेडलाइन 60 दिन बढ़ाने की अपील की थी, लेकिन बताया जा रहा है कि एरिक्सन ने इससे इंकार कर दिया।
खबर के अनुसार, साल 2014 में एरिक्सन और रिलायंस कम्यूनिकेशन के बीच एक समझौता हुआ था।
इस समझौते के तहत एरिक्सन को 7 सालों तक रिलायंस कम्यूनिकेशन के पूरे देश में फैले टेलीकॉम नेटवर्क को मैनेज और ऑपरेट करना था। करीब 1000 करोड़ की इस डील का रिलायंस द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।
इसके बाद कई महीनों की कानूनी प्रक्रिया के बाद रिलायंस कम्यूनिकेशन ने दिवालिया प्रक्रिया से बचने के लिए सितंबर अंत तक बकाए की आधा रकम यानि कि 550 करोड़ रुपए का भुगतान करने का वादा किया था। बहरहाल एरिक्सन की तरफ से याचिका दाखिल किए जाने की पुष्टि हुई है। वहीं रिलायंस कम्यूनिकेशन की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है।