शेरे मैसूर पर शक करने वाले इतिहास से अंजान, अंग्रेजों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले पहले व्यक्ति थे: राज्य मंत्री

बिदर: रंग मन्दिर में जिला प्रशासन और जिला पंचायत के टीपू सुल्तान के जन्मदिन का आयोजन किया गया। इस सरकारी प्रोग्राम में राज्य के मंत्री इश्वर खंडरे ने ख़िताब करते हुए कहा कि आज टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जा रही है। जो बड़े ख़ुशी की बात है।

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इस मौके पर उन्होंने बिदर जिला की अवाम को मुबारकबाद देते हुए कहा कि टीपू सुल्तान का जन्मदिन मनाने पर जो राजनितिक पार्टियाँ एतराज कर रही हैं। उनसे यह बात में कह देना चाहता हूँ कि टीपू सुल्तान वह पहले स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ पहली आवाज़ उठाई, और उनके खिलाफ लड़ते हुए अपने देश के लिए शहीद हुए।

उन्होंने कभी भी धर्म के नाम पर काम नहीं किया, बल्कि सभी धर्मों को बराबर का दर्जा देते थे। टीपू सुल्तान को लोग आज देश भर में नहीं बल्कि दुनियां भर में शेरे मैसूर के नाम से याद करते हैं।

सीनियर पत्रकार संत कुमार बेल्गी ने बताया कि टीपू सुल्तान एक सेकुलर शासक गुज़रे हैं, जो उनके सेकुलर होने पर शक करते हैं वह इतिहास से अनजान हैं। अंग्रेजों को नाकों चने चबाने वाले टीपू सुल्तान का एक झलक पाते ही अँगरेज़ काँप जाते थे। अंग्रेजों टीपू सुल्तान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताया था।