शपथ ग्रहण के बाद पर्रिकर दो दिन के भीतर बहुमत साबित करें: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: गोवा में मनोहर पर्रिकर की सपथ ग्रहण पर रोक लगाने की कांग्रेस की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने उल्टे कांग्रेस से ही सवाल किया है कि उसने दायर याचिका में विधायकों के समर्थन का आंकड़ा क्यों नहीं दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से कहा कि सरकार बनाने के लिए न्योता देना गवर्नर का विशेषाधिकार है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि आप उस कहाँ थे, जब पर्रिकर ने सरकार बनाने का दावा किया?

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इस मामले पर कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील पेश करते हुए कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी गवर्नर ने सरकार गठन पर पार्टी की राय नहीं ली।

सुबह 11 बजे दो जजों की बेंच ने इस याचिका की सुनवाई शुरू की, जिसमे उच्चतम न्यायालय ने पर्रिकर को सपथ लेने बाद दो दिन के भीतर बहुमत पेश करने को कहा। बाद इसके कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया लेकिन काफी हंगामे के बाद कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।

गौरतलब है कि रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को गोवा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किया।

बता दें कि गोवा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। जबकि बीजेपी को 13 सीटें जीत दूसरे स्थान पर है। लेकिन बीजेपी अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रही है।