पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की घटना के बाद पहली बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विदेश यात्रा पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा के जरिए प्रिंस सलमान खशोगी हत्याकांड से धूमिल हुई अपनी छवि को सुधारने की कोशिश करेंगे।
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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस पश्चिम एशिया में अपने करीबी सहयोगी देशों की यात्रा पर हैं। इसके बाद वह 30 नवंबर को अर्जेंटीना में जी-20 के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, यूरोपीय देशों के नेताओं और तुर्की के राष्ट्रपति से उनका आमना-सामना होगा।
गौरतलब है कि ट्रंप ने सऊदी अरब के साथ अमेरिकी संबंध का बचाव किया है जबकि तुर्की के राष्ट्रपति खशोगी हत्या मामले में सऊदी अरब पर दबाव बनाए हुए हैं। दो अक्टूबर को तुर्की में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में जमाल खशोगी की हत्या के बाद उनके शव के टुकड़े कर दिए गए थे।
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूट ऐंड अटलांटिक काउंसिल में शोधार्थी एच ए हेल्लयार ने कहा कि मालूम होता है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की इस यात्रा का मकसद अपनी छवि सुधारना और सहयोगी देशों के साथ रिश्ते सुधारना है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने माइकल ब्लूमबर्ग, रूपर्ट मर्डोक, डिज्नी के प्रमुख बॉब आइगर, गूगल के सह संस्थापक सर्गेई ब्रिन, एप्पल के टिम कुक और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच. बुश एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में वह इस तरह से पश्चिमी देशों की यात्रा कर सकेंगे। हेल्लयार ने कहा कि ऐसा बिल्कुल लगता नहीं कि इस वक्त वह इस तरह की लंबी यात्रा कर सकते हैं।
साभार- ‘नवभारत टाइम्स’