हैदराबाद: मेहदीपट्टनम इलाके में सेना द्वारा एक महिला के बुर्के को जबरन हटाने मामला सामने आया है। सिद्दीकनगर की रहने वाली कमर बेगम ने सेना अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि जब वह अपने बेटे, भाई और दूसरे रिश्तेदारों के साथ अस्पताल जा रही थी तो सेना के अधिकारियों के उसे अपना बुर्का उठाने को मजबूर किया।
कमर बेगम के मुताबिक, सबसे पहले गेट पर रोककर और पास दिखाने को कहा गया जो कि उनके पास नहीं था। उसके बाद सेना के अधिकारियों ने उन्हें अपना घूंघट हटाने को मजबूर किया। इस बात पर उनके रिश्तेदार भड़क गए और उन्होंने सेना के लोगों से कहा कि वे एक महिला के साथ ठीक से व्यवहार करें।
कमर बेगम ने बताया कि जब बुर्के को हटाने का उनके रिश्तेदारों ने विरोध किया तो सेना के लोगों ने उनके भाई अब्दुल नबी पर हमला कर दिया। इसके बाद मेहदीपट्टनम गॉर्डन के सामने एक बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने सेना के लोगों के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इसके बाद डीसीपी वेंकटेश्वर राव और आसिफ नगर के एसीपी मोहम्मद गौस मोहिउद्दीन ने घटनास्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं यहां आम हो गई हैं। इससे पहले भी मुस्तफा नाम के एक लड़के की सैन्य इलाके में संदिग्ध हालत मौत हो गई थी।
हुमायूंनगर पुलिस थाने में महिला के भाई अब्दुल नबी ने कृष्ण डागर और दो अन्य सेना के लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341 और 323 के तहत शिकायत दर्ज किया है। गरीसन के सेना अधिकारी अनोखा ने पुलिस को आश्वासन दिलाया है कि मामले की जांच दो दिनों के भीतर पुरी कर ली जाएगी। फिलाहाल सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग के आधार पर जांच किया जा रहा है।