संविधान में बदलाव के दिए जा रहे हैं भयानक ईशारे- मौलाना असरारुल हक कासमी

कर्नाटक से संबंध रखने वाले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने पिछले दिनों अपनी राज्य के कोप्पल जिले में ब्रह्मण युवा परिषद के कार्यक्रम में संविधान और सेकुलरिज्म के संबंध से जो विवादित बयान दिया था।

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संसद में शीतकालीन स्तर के बीच दोनों सदनों में लगातार 2 दिनों तक विपक्ष की सख्त नाराज़गी और प्रदर्शन के साथ साथ खुद सत्तारूढ़ भाजपा की उनके बयान से अलाह्दगी के बाद हालाँकि उन्होंने नराजगी से सही, माफ़ी मांग ली है। लेकिन इस बयान से भाजपा की नियत और इरादे का पता चलता जरूर चलता है।

मंत्री श्री ने कहा था कि भाजपा संविधान बदलने के लिए ही सत्ता में आई है। लिहाज़ा वह जल्द ही संविधान बदल देगी क्योंकि उसमें ‘सेकुलर’ का इस्तेमाल किया गया है।उसके साथ ही उन्होंने खुद को सेकुलर कहने वाले लोगों के लिए भी आपत्तिजनक और शर्मनाक भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि यह वह लोग हैं, जिन्हें अपने माता पिता के बारे में पता नहीं और जब कोई कहता है कि वह सेकुलर है तो मुझे उस पर शक होता है। संसद में उन्होंने यह कहते हुए माफ़ी मांगी कि मेरे बयान का गलत मतलब समझा गया। मैं संविधान, संसद और संविधान बनाने वाले डॉक्टर बाबा साहब अम्बेडकर का बेहद सम्मान करता हूँ और यकीन रखता हूँ कि यह उच्च और महान हैं। अगर फिर भी मेरे बयान से किसी के जज्बात को चोट पहुंची है तो मुझे उसके लिए माफ़ी मांगने में कोई झिझक नहीं है।

दिलचस्प और हैरतअंगेज बात यह है कि मंत्री श्री ने उसी संविधान को बदल डालने का प्रतिबद्धता ज़ाहिर कर रहे थे, जिसकी सच्ची वफादारी और मानने का शपथ लेकर वह मंत्री बने हैं और ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने गैर इरादी तौर पर यह बात कह दी हो। उन्होंने अपनी बात कहने के लिए पहले सेकुलरिज्म पर बात की फिर अच्छी तरह कहा कि हम सत्ता में संविधान बदलने आए हैं और हम उसमें बदलाव करेंगे।

मौलाना असरारुल हक कासमी