मुंबई: जमियत उलेमा ए हिन्द के चीफ़ मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आतंकवाद और बम धमाकों के झूठे आरोप में कई मुस्लिम युवाओं को दस दस बारह बारह साल की सज़ा झेलने के बाद अदालत उन्हें बाइज़्ज़त बरी कर देती है, उनकी गिरफ्तारी के पीछे पुलिस नहीं बल्कि सत्ता नीति काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर वे बा इज्जत बरी हो जाते हैं तो असल मुजरिम कहाँ हैं?
अरशद मदनी सितारा के मालपानी पलाट आईआईटी रोड में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद, मुंबई और गुजरात धमाके के असली आरोपी सत्ता की चादर में छिपे हुए हैं, उन्हें कौन पकड़ेगा? मौलाना ने सवालिया अंदाज में कहा कि जब मुस्लिम युवा अदालत से बाइज़्ज़त बरी हो रहे हैं तो इसके मूल दोषी कहाँ हैं?
मौलाना ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह का खेल देश के विकास के लिए बाधा बनेगा, और कुछ दूर नहीं कि यह देश को बांट दे।
आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि देश में मंगोलिया, फिरंगी और पुर्तगालियों ने सैकरों साल हुकूमत की लेकिन वह देश की सभ्यता तोड़ नहीं सके, लेकिन वर्तमान सरकार ने तीन साल में वह सब कुछ किया जो किसी ने भी सैकड़ों साल में नहीं कर सके थे।
इस समय विकास के बजाय सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का काम किया जा रहा है, वह जमीअत उलेमा की राष्ट्रीय एकता आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को जमीअत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।
मौलाना ह्लीमुल्लाह कासमी ने देश की मौजूदा स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि सांप्रदायिकता का जवाब सांप्रदायिकता नहीं बल्कि बेहतर व्यवहार है और इस्लाम इसी बात की शिक्षा भी देता है। मज़हब इस्लाम में बलात्कार और हिंसा नाम की कोई चीज नहीं है ।
बाबा सत्य नाम दास जी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश आज सांप्रदायिकता से जूझ रही है, उन्होंने कहा कि सत्ताधारी सरकार सुबह में कुछ बयान देती है और शाम को सुबह में जारी किए गए इस बयान से मुकर जाती है, ऐसे देश कैसे चलेगा?