भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आगरा के ताजमहल में नमाज पढ़ने पर लगाए गए विवादित बैन को ठेंगा दिखाते हुए ताजमहल इंतजामिया कमिटी (टीएमआईसी) के सदस्यों ने मंगलवार को ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ी। हालांकि ‘वजू टैंक’ (जहां नमाज पढ़ने से पहले नमाजी अपना शरीर साफ करते हैं) में रोज की तरह ताला ही लगा रहा और नमाजियों ने नमाज पढ़ने से पहले पीने के पानी से वज़ू किया।
हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में टीएमआईसी अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने कहा कि एएसआई के लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीनियर अधिकारियों को बुलाने की मांग की।
कई दशकों से इमाम सैयद सादिक अली का परिवार ताजमहल के अंदर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाता है। इसके लिए वह महज 15 रुपये प्रति माह का मेहनताना लेते हैं। इमाम सैयद सादिक अली ने कहा, ‘हम 400 सालों से चली आ रही इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। कोई भी विभाग या कानून हमें नमाज पढ़ने से नहीं रोक सकता, क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है।’
वहीं इस मामले में एएसआई के आगरा सर्कल के सुपरिटेंडेट ने इस मामले में कोई भी कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले के विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताजमहल परिसर के अंदर मौजूद मस्जिद में मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर शुक्रवार के अलावा बाकी दिन बैन लगा दिया था। एएसआई के अधिकारियों का कहना था कि वे जुलाई में आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन कर रहे हैं।