‘एशिया को अमेरिका की ज़रूरत है, ट्रम्प की नहीं’

एशियाई राष्ट्रों के दृष्टिकोण से 2017 में यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका का दुनिया पर बरतरी कम होती नजर आ रही है, जबकि चीन अब वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। क्षमा करें श्री ट्रंप, शायद आप वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को अलग अंदाज़ में देखते हों, लेकिन एशिया के लिए आप 2017 में सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति नहीं रहे हैं।

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आप इस क्षेत्र में मीडिया का ध्यान आकर्षित करने में ज़रूर कामियाब रहे हैं, लेकिन इस से एशिया के साथ अमेरिकी संबंधों में विस्तार जैसे नतीजे सामने नहीं आए। आपके राष्ट्रपति पद का पहला वर्ष एशिया के लिए केवल अस्थिरता लेकर आया है। उसकी शुरुआत आप की ओर से सात मुस्लिम देशों के निवासियों पर लगाए यात्रा प्रतिबंध के फैसले से हुआ था, जिस के खिलाफ बहुत आलोचना भी हुई। और अब हाल ही में आपका यरूशलेम को इजरायल की राजधानी के तौर पर स्वीकार करने की घोषणा सामने आया है।

इन उपायों के साथ आपका लक्ष्य संयुक्त राज्य की रक्षा करना था, लेकिन परिणाम यह निकला कि एशिया सहित विश्वभर के मुस्लिम आप के विरोधी हो गये। यह संदिग्ध है कि ईरान प्रतिबंध देशों की यात्रा में शामिल है, लेकिन सऊदी अरब और पाकिस्तान शामिल नहीं है। आपकी सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों के संकट से संबंधित कोई उपाय नहीं किया, म्यांमार में रोहिंग्या में अल्पसंख्यकों के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शनों और वहां से उनके प्रवास के बावजूद व्हाइट हाउस प्रशासन इस मुद्दे पर चुप रही है।

उत्तर कोरिया से निरंतर परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रयोगों के बावजूद आप केवल ट्विट के कोई ठोस क़दम और रणनीति अपनाने में नाकाम रहे।
आपने फिलिपिनो राष्ट्रपति रॉड्रिगो डोटेरटे जैसे लोगों के साथ दोस्ती की है जो खुद को हत्यारा कहते हैं। आप भारत के साथ व्यापार विवाद का कोई समाधान नहीं तलाश कर सके, लेकिन इतना हुआ कि आपने दिल्ली को अपना विश्वसनीय दोस्त मान लिया।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि श्री ट्रंप, अपने चुनाव के अभियान के दौरान चीन के खिलाफ बयान और आरोपों की बौछार कर दी थी, लेकिन चीन की यात्रा के दौरान बीजिंग सरकार ने आपका आगमन नियमित रूप से लिया और आलोचना पर ध्यान नहीं दिया।
आपकी विनाशकारी नीतियों के कारण आपने न केवल अपनी प्रतिष्ठा गंवा दी है, बल्कि बेशुमार मौके गंवा दिए हैं जिन से वैश्विक भौगोलिक राजनीति को सकारात्मक सिम्त में मोड़ा जा सकता था। तो श्री ट्रम्प, साल 2017 एशिया के और आपके के लिए अच्छा साल नहीं रहा।

डीडब्ल्यू एशिया विभाग के चीफ अलेक्जेंडर फोरोइंड की टिप्पणी