नई दिल्ली: असम में डी वोटर के संबंध से एक अहम दरख्वास्त कल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके गोयल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा बेंच के सामने पेश हुई, जिसमें जमीअत उलेमा-ए-हिन्द की ओर से फजल अयूबी एडवोकेट ऑन रिकार्ड और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पैरवी और बहस की।
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बाद में दरख्वास्त को कुबूल करते हुए बेंच ने उसे जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एफआर नरीमन की बेंच के हवाले कर दिया और कहा कि असम नागरिकता से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई उसी बेंच में होती रही है, इसलिए बेहतर यह होगा कि इस मामले की सुनवाई भी वही करे, इसलिए अगली सुनवाई उसी बेंच में होगी।
गौरतलब है कि असम में डी वोटर का मुद्दा एक बेहद भयानक रुख ले लिया है, इस लिए पिछले 2 मई 2018 को एनआरसी के कोआर्डिनेटर ने सभी संबंधित अधिकारीयों और जिला अधिकारीयों को एक निर्देश जारी करके कहा है कि जो लोग डी वोटर करार दे दिए गए हैं।