असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर मचे घमासान के बीच जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है।
बता दें कि एनआरसी की सूची में 40 लाख से अधिक मुस्लिम नागरिकों को शामिल ना किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से वरिष्ठ वकील विशेष बेंच के समक्ष पेश हुए।
मौलाना ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मामले पर अदालत गंभीर है और इसको लेकर जो भी कुछ अदालत के बाहर चल रहा है, उस पर भी कोर्ट की नजर है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
मदनी ने पूर्व में कहा कि भारत सरकार सूची में शामिल नहीं किए गए भारतीय नागरिकों के पास जो सबूत हैं उनकी पड़ताल करके उन्हें न्याय दे।
यह अत्यंत गंभीर समस्या है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस समस्या का संवेदनशीलता के साथ समाधान करना चाहिए।
हाल ही एनआरसी का दूसरा और अंतिम मसौदा कड़ी सुरक्षा के बीच जारी कर दिया गया। असम की कुल आबादी 3.29 करोड़ है और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के दूसरी और आखिरी सूची में 2.89 करोड़ लोगों की पहचान भारतीय के रूप में की गई है और 40 लाख लोगों को असम का नागरिक नहीं बताया गया है।