विधानसभा चुनाव 2017: पश्चिम यूपी के पहले चरण में इन सीटों पर हो रहे चुनाव

यूपी चुनाव के पहले चरण की बिसात सजकर तैयार है. पहले चरण के मतदान में पश्चिमी यूपी में प्रत्याशियों की किस्मत 11 फरवरी को ईवीएम में क़ैद होने जा रही है. इस चरण में 15 जिलों की 73 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होने जा रही है.

पहले चरण में शामली जिले की 3, मुज़फ़्फरनगर की 6, बागपत की 3, मेरठ की 7, गाजियाबाद की 5, गौतमबुद्धनगर की 3, हापुड़ की 3, बुलंदशहर की 7, अलीगढ़ की 7, मथुरा की 5, हाथरस की 3, आगरा की 9, फिरोजाबाद की 5, एटा की 4, और कासगंज जिले की 3 विधानसभा सीटों पर मतदान है. एक नज़र पहले चरण की हॉट सीट पर जहां के मुकाबले पर हर किसी की नज़र है:

मुज़फ़्फ़रनगर शहर- कपिलदेव (बीजेपी), राकेश शर्मा (बसपा), गौरव स्वरूप (सपा-कांग्रेस), पायल माहेश्वरी (रालोद).

खास- 2015 के उपचुनाव में बीजेपी के कपिलदेव को जीत मिली थी. 2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद यहां सारे सियासी समीकरण बदल गए थे.

बुढ़ाना- उमेश मलिक (बीजेपी)सईदा राणा (बसपा), प्रमोद त्यागी (सपा-कांग्रेस), योगराज (रालोद).

PC: The Hindu

कैराना- मृगांका सिंह (बीजेपी), दिवाकर कश्यप (बसपा), नाहिद हसन (सपा-कांग्रेस), अनिल चौहान (रालोद).

खास- कैराना में कथित पलायन का मुद्दा बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने उठाया था. बीजेपी की चुनावी सभाओं में भी यह मुद्दा छाया रहा है. खास बात यह है कि बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं.    

थाना भवन- सुरेश राणा (बीजेपी), अब्दुल वारिस (बसपा), सुधीर पंवार (सपा-कांग्रेस), जावेद राव (रालोद).

खास- बीजेपी के सुरेश राणा मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के अभियुक्त हैं. अपनी सभाओं में वह जीतने पर कैराना, देवबंद, मुरादाबाद में कर्फ्यू लगने की बात कह चुके हैं. वहीं सपा के सुधीर पंवार लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं.

अतरौली- संदीप सिंह (बीजेपी), इलियास चौधरी (बसपा), वीरेश यादव (सपा-कांग्रेस), मनोज यादव (रालोद).

खास- संदीप सिंह ने इस चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. यूपी के पूर्व सीएम और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पोते संदीप सबसे कम उम्र के प्रत्याशी हैं. अतरौली सीट से कल्याण 10 बार विधायक रहे हैं. उनके बेटे राजवीर सिंह एटा से सांसद हैं. इस बार परिवार की सियासी विरासत संभालने के लिए तीसरी पीढ़ी के संदीप मैदान में हैं. 25 साल के संदीप ने ब्रिटेन की लीड्स बेकेट यूनिवर्सिटी से पीआर में पीजी की डिग्री हासिल करने के बाद पिछले साल देश लौटे हैं.

सरधना- संगीत सोम (बीजेपी), इमरान कुरैशी (बसपा), अतुल प्रधान (सपा-कांग्रेस), वकील चौधरी (रालोद).

खास- मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद चर्चा में आए विवादित नेता संगीत सोम के लिए यह चुनाव काफ़ी अहम है. पिछले साल कैराना-कांधला में कथित पलायन के मुद्दे पर वो निर्भय यात्रा निकाल चुके हैं. दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म शोरगुल की रिलीज में भी सोम ने अड़ंगा डाल दिया था. उनके खिलाफ सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान सीएम अखिलेश यादव के काफी करीबी हैं. इसके अलावा हाजी याकूब कुरैशी के बेटे इमरान कुरैशी (बसपा) भी पहली बार मैदान में हैं.

PC: Catch News

दादरी- तेजपाल नागर (बीजेपी), सतवीर गुर्जर (बसपा), समीर भाटी (सपा-कांग्रेस), रविन्द्र भाटी (रालोद).

खास- 28 सितंबर 2015 को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस की अफवाह के बाद अखलाक की हत्या पर देशभर की राजनीति गर्म हो गई थी. इसके ठीक बाद हुए बिहार चुनाव में भी ये मुद्दा छाया रहा था. वहीं असहिष्णुता के आरोप में कई साहित्यकारों ने अपने अवॉर्ड लौटा दिए थे. बीजेपी ने यहां नया उम्मीदवार उतारा है, जबकि बसपा से दो बार के विधायक सतवीर गुर्जर मैदान में हैं.

 

नोएडा-  पंकज सिंह (बीजेपी), रविकांत मिश्र (बसपा), सुनील चौधरी (सपा-कांग्रेस), बृजेश यादव (रालोद).

ख़ास- केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह के मैदान में उतरने से नोएडा सीट वीआईपी सीट बन गई है. उनके सियासी करियर को यहां का चुनावी नतीजा प्रभावित करेगा. राजनाथ ने हालांकि नोएडा विधानसभा में कोई जनसभा नहीं की. बीजेपी ने यहां से विमला बॉथम का टिकट काट दिया था, जिस पर काफी बवाल मचा था. बसपा और रालोद के उम्मीदवार भी पहली बार मैदान में हैं.

जेवर- धीरेंद्र सिंह (बीजेपी), वेदराम भाटी (बसपा), नरेंद्र नागर (सपा-कांग्रेस), कमल शर्मा (रालोद).

खास-  10 मई 2011 को ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में जब जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मिलने राहुल गांधी पहुंचे थे, तो धीरेंद्र सिंह लगातार उनके साथ नजर आए थे. धीरेंद्र उनको बाइक पर बिठाकर ले गए थे. इसी साल जनवरी में धीरेंद्र ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. हाथ का साथ छोड़ने के बाद धीरेंद्र ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को कठघरे में खड़ा किया था.

मेरठ शहर- लक्ष्मीकांत वाजपेयी (बीजेपी), पंकज जोशी (बसपा), रफीक अंसारी (सपा-कांग्रेस), ज्ञानेंद्र शर्मा (रालोद).

खास- पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस बार कड़े मुकाबले में फंसे हैं. नोटबंदी को लेकर व्यापारी वर्ग की नाराज़गी उन्हें झेलनी पड़ सकती है. लगातार आठवीं बार वाजपेयी चुनाव लड़ रहे हैं.

बुलंदशहर- गुड्डू पंडित (रालोद), वीरेंद्र सिरोही (बीजेपी), हाजी अलीम (बसपा), शुजात आलम (सपा-कांग्रेस).

खास- पिछली बार डिबाई से सपा विधायक रहे दबंग छवि के गुड्डू पंडित की वजह से यहां का चुनाव चर्चा में है. राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में गुड्डू ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. संगीत सोम के साथ वह नजर आए थे. हालांकि बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर गुड्डू पंडित अजीत सिंह की पार्टी से मैदान में हैं.

बाह- पक्षालिका सिंह (बीजेपी), मधुसूदन शर्मा (बसपा), अंशू रानी (सपा-कांग्रेस), सुधीर दुबे (रालोद).

खास- आगरा जिले की यह सीट पक्षालिका सिंह की वजह से चर्चा में है. सपा छोड़कर हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए राजा महेंद्र अरिदमन सिंह की वे पत्नी हैं. अरिदमन ने पिछले विधानसभा चुनाव में आगरा जिले में सपा का खाता खोला था, जिसके इनाम में उन्हें कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला था. अरिदमन हथियारों के अपने शौक के लिए भी चर्चा में रहे हैं.