इलाहाबाद। यूपी सरकार की ओर से वित्त पोषित मदरसों पर बढ़ते सरकारी दबाव के खिलाफ दीनी मदरसों ने भी सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। दीनी मदरसों का कहना है कि वे उच्च सरकारी अधिकारियों के मौखिक आदेशों को नहीं मानेंगे। मदरसों का तर्क है कि वे सिर्फ उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के सामने जवाबदेह हैं। ऐसे में उनको जो भी आदेश दिए जायेंगे वह क़ानून के तहत लिखित रूप में दिए जाएँ।
यूपी में सरकार की ओर से सहायता प्राप्त दीनी मदारिस पर दिन ब दिन बढ़ते सरकारी दबाव से परेशान मदरसों के ज़िम्मेदारों ने भी अपने रुख में सख्ती पैदा कर ली है। मदरसों में सीसीटीवी कैमरे, बायो मैट्रिक मशीन समेत कई तरह के आदेश स्थानीय अधिकारीयों ने मौखिक तौर से दिए थे। सरकार के इस रवैये से मदरसे बहुत परेशान हैं।
मदरसे के ज़िम्मेदारों का साफ़ तौर से कहना है कि अब वह सिर्फ लिखित आदेशों को ही मानेंगे। मदरसों की दूसरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि सरकारी अधिकारी प्रोटोकोल का उल्लंघन कर रहे हैं। क़ानून के मुताबिक मदरसे के ज़िम्मेदारों को कोई स्थानीय अधिकारी ऑफिस तलब नहीं कर सकता, लेकिन पिछले कुछ महीनों से सरकरी अधिकारी मदरसों के प्रिंसपलों को अपने ऑफिस तलब करते हैं, जो बिलकुल गलत है।