म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन पर मंगलवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी है।
दलाई लामा के बयान पर सू की ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाये।
रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम रखाइन प्रांत में हुई हिंसा से ग्रस्त सभी आहत पक्षों की पीड़ा को समझते है और यहां से मुस्लिमों के बांग्लादेश में पलायन को लेकर चिंतित है।
उन्होंने कहा कि हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर यह पलायन क्यों हो रहा है? जो लोग पलायन को मजबूर हुए हैं, उनसे बातचीत की जायेगी।
यह मानवतावादी मुद्दा है जो दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक समस्याओं और राजनीतिक रूप से उभर आया है।
यहां पर अभी भी बहुत सारे मुस्लिम गांवों से पलायन नहीं हुआ है। जिसका मतलब है कि सभी लोग यहां से नहीं भागे हैं। इस पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा नहीं जाएगा। चाहें वो किसी भी जातीय समूह या धर्म के हों। सू की ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम और रखाइंस में कोई अंतर नहीं है।
आपको बता दें कि दलाई लामा ने आंग सू की से रखाइन समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करने के लिए कहा था।