औरंगाबाद हिंसा ने लिया मजहबी रंग, कन्ट्रोल करने के लिए पुलिस ने किया फायरिंग!

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 11 मई भड़की हिंसा ने मज़हबी दंगे का रूप ले लिया था जिसके बाद आज मिल ख़बरों के अनुसार पुलिस के दखल के बाद हालात अभी काबू में है, औरंगाबाद में हुई हिंसा को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही है, हालांकि इन दंगों का मुख्य कारण पानी को बताया जा रहा है।

मामले को शांत करने के लिए पुलिस को फायरिंग का इस्तेमाल करना पड़ा। रात भर चली इस हिंसा में पुलिस भी मामले को काबू नहीं कर पाई, पुलिस का रात भर कोई ख़ास दखल इस मामले में दिखाई नहीं दिया।

दंगाइयों ने लोगों के घरों को आग के हवाले किया वहीं गाड़ियां जलाई और काफी ज्यादा धनहानि हुई जिसमें लोगों की सम्पत्ति से लेकर सरकारी सम्पत्ति को भी नुकसान हुआ, उसके बाद हालत अभी काबू में है लेकिन 144 धरा लगाई गया है लेकिन उसके बावजूद स्तिथि तनावपूर्ण बनी हुई है।

औरंगाबाद महानगर पालिका ने गुरुवार से पानी के अवैध कनेक्शन काटने का अभियान शुरू किया था। गुरुवार को औरंगाबाद के मोती कारंजा इलाके में नगर निगम ने अवैध पानी के कनेक्शन काटे।

लेकिन नगर निगम द्वारा पानी का कनेक्शन काटे जाने को लेकर एक समुदाय भड़क उठा और नगर निगम पर आरोप लगाए कि उसने उसी समुदाय विशेष के लोगों के पानी कनेक्शन काटे हैं, जबकि दूसरे समुदाय के अवैध पानी के कनेक्शन नहीं काटे गए।

इसी बात को लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पनपी। शुक्रवार की दोपहर से ही तनाव का माहौल बनने लगा था, जो रात होते-होते हिंसा में बदल गई।