अवार्ड वापसी की मुहीम चलाने वाले कवि के खिलाफ सरकार ने दिए CBI जांच के आदेश

लंबे समय से चल रही ललित कला अकादमी की अनियमितताओं की जांच के मामले में नया मोड़ आया है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 20 नवंबर 2017 को सरकार ने सीबीआई डायरक्टर को एक खत लिखा है। इस खत में इन अनियमितताओं और सरकारी नियमों की अनदेखी की जांच करने की बात की गई है।

इस खत के मुताबिक 2012-13 से 2014-15 के बीच का इंटरनल ऑडिट करवाया गया है। इस ऑडिट में सामने आया है कि इस दौरान कई नियमों की अनदेखी कर कई जगह सीमा से ज्यादा भुगतान किया गया है।

इस खत में मंत्रालय ने विशेष रूप से अकादमी के भूतपूर्व चेयचेयरमैन अशोक वाजपेयी के खिलाफ शिकायतों की जांच करने की बात की है।

देश में कट्टरपंथियों के द्वारा बुद्धिजीवी लोगों के हत्या के खिलाफ साहित्यकारों और कलाकारों ने अवार्ड वापसी की मुहीम चलाई थी।अवार्ड वापिस करने वाले कलाकारों और साहित्यकारों में अशोक वाजपेयी भी शामिल थे।

अवार्ड वापसी सितंबर 2015 में साहित्यकार एम एम कुल्बुर्गी की हत्या के बाद शुरू हुआ। उनकी हत्या से आहत हिंदी के कथाकार उदय प्रकाश ने साहित्य अकादमी अवार्ड को लौटाने का फैसला किया।

इसके बाद कई साहित्यकार और कलाकार इस मुहीम में शामिल हुए।अशोक वाजपेयी भी उनमें से एक थे। वाजपेयी, मोदी सरकार की कुछ नीतियों के खिलाफ मुखर रहे हैं और लागातार मीडिया में ऐसी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।