अयोध्या में नहीं थी कोई बाबरी मस्जिद, जो गिराया वह सिर्फ एक ढांचा था: अखाड़ा परिषद्

इलाहाबाद: जैसे-जैसे कुछ राज्यों के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा चाहे सीधे रूप में राम जन्मभूमि -बाबरी मस्जिद मामला न उठा रही हो लेकिन उसको दूसरे प्लेट फार्म से गरमा रही है।

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अपने पिछले रुख में बदलाव करते हुए कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद कभी थी ही नहीं, वहां सिर्फ राम का मंदिर था। वहीं इलाहाबाद में मौजूद यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में फैसला आने तक राज्य सरकार विवादास्पद भूमि पर किसी तरह का कोई काम नहीं करेगी।

इससे पहले आपको बता दें कि अखाड़ा परिषद ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने की वकालत की थी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी इसके लिए कई बार बाबरी मस्जिद के पेरोकार हाशिम अंसारी (मरहूम) से भी मिले थे। इलाहाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने स्पष्ट रूप से कहा कि अयोध्या में कोई मस्जिद नहीं थी, और मस्जिद के नाम पर जिसे ध्वस्त किया गया था, वह केवल एक ढांचा था।

महंत नरेंद्र गिरी ने यह भी कहा कि ताजमहल के विवाद में फंसने के बजाय अब काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में बात करनी चाहिए।

वहीँ यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या की राम जन्मभूमि की विवादास्पद क्षेत्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, राम जन्मभूमि का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। ऐसे में फैसला आने तक राज्य सरकार विवादास्पद भूमि पर किसी तरह का कोई काम नहीं करेगी।