अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में शांति क़ायम रखना हमारा मकसद: मौलाना तौक़ीर रजा

बरेली: मौलाना तौक़ीर रजा खान के बुलावे पर बरेली आये श्री श्री रविशंकर का एकजुटता का नारा तो बुलंद हुआ। लेकिन मदरसा जामिया अल रज़ा में उन्हें दाखिल न होने देने के बाद मौलाना शहाबुद्दीन की श्री श्री रविशंकर से मुलाक़ात ने जिस विवाद का मोड़ ले लिया वह अलग रूप में सामने आया।

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जहाँ एक ओर मौलाना तौक़ीर रज़ा ने शांति का पैगाम आम करने के लिए श्री श्री को बुलाया तो दूसरी ओर मथुरापूर मदरसा के प्रमुख ने उन्हें दाखिल ही नहीं होने दिया। उसके खिलाफ मुफ़्ती अख्तर रज़ा खान और शहर के क़ाज़ी असजद मियां से पाना करीबी रिश्ता बताने वाले शहाबुद्दीन रिज़वी ने ख़ामोशी से श्री श्री से मुलाक़ात भी कर ली थी।

जहाँ यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मौलाना शहाबुद्दीन तो तौक़ीर मियां के साथ जा सकते हैं हालाँकि शहाबुद्दीन की ओर से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है। इस संबंध में इंक़लाब के संवादाता ने इत्तहाद मिल्लत काउन्सिल के संस्थापक मौलाना तौक़ीर राजा खान से फोन पर बात की तो वह उस समय लखनऊ में थे, मौलाना शहाबुद्दीन के साथ आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर वह शख्स जो शिक्षित है और जब देशभक्ति का जज्बा रखता है वह इस शांति के पैगाम में हमारे साथ खड़ा होगा, चाहे वह शहाबुद्दीन हों या कोई और मौलाना ने कहा कि लोगों को यह गलतफहमी है कि श्री श्री जो फार्मूला ले कर आये थे उसमें किसी दूसरी जगह मस्जिद बनाने की बात हुई यह सरासर गलत है।