मोदी सरकार को झटका, अरविंद पनगढ़िया का नीति आयोग से इस्तीफ़ा

अर्थशास्त्री डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद डॉ पनगढ़िया 31 अगस्त तक ही उपाध्यक्ष पद का भार सम्भालेंगे और फिर नीति आयोग को दूसरा उपाध्यक्ष नियुक्त करना होगा।

नीति आयोग के काम से फ्री होने के बाद अरविंद अमेरिका चले जाएंगे जहां पर वे कोलम्बिया विश्वविद्यालय में छात्रों को इकॉनोमिक्स पढ़ाएंगे। अरविंद 5 सितंबर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी ज्वाइन करेंगे ।

अरविंद पनगढ़िया ने अपने इस्तीफे की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दी है। फिलहाल अभी उनके इस्तीफा का जवाब नहीं दिया गया है क्योंकि मोदी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में दौरे पर हैं और वहां से वापस आने के बाद ही अरविंद के इस्तीफे और नए उपाध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर फैसला किया जाएगा।

अरविंद पनगढ़िया दुनिया के सबसे अनुभवी अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अरविंद पहले भी कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे, चूंकि इस विश्वविद्यालय से किसी भी शिक्षक को रिटायर नहीं किया जाता है, इसलिए उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा दो बार वापस अपना पद सम्भालने के लिए नोटिस भेजा गया था।

अरविंद से इस नोटिस में पूछा गया था कि क्या वे वापस आकर छात्रों को पढ़ाना चाहेंगे या नहीं क्योंकि उनकी गैरमौजूदगी में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सूत्रों का कहना है कि अरविंद की सबसे ज्यादा रुचि बच्चों को पढ़ाने में है और इस्तीफा देने के पीछे यही वजह है कि वे वापस विश्वविद्यालय जाकर छात्रों को इकॉनोमिक्स पढ़ाएंगे।

इससे पहले अरविंद पनगढ़िया एशियन डिवेलपमेंट बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री और मैरीलैंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और को-डायरेक्टर भी रह चुके हैं। अरविंद ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से इकॉनोमिक्स में पीएचडी की हुई है।

वे वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइज़ेशन और यूएनसीटीएडी में अलग-अलग पद पर काम कर चुके हैं। अरविंद करीब 10 किताब लिखा और ठीक कर चुके हैं। उन्होंने अपनी आखिरी किताब इडिया: द इमरजिंग जियांट लिखी थी जिसे 2008 में ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय में पब्लिश किया गया था।