गुजरात में ऊना कांड की पहली बरसी पर 12 जुलाई को मेहसाणा में होने वाले दलितों के शक्ति सम्मेलन ‘आजादी कूच’ को गुजरात सरकार ने पहली अनुमति देकर उसे अचानक शनिवार को रद्द कर दिया।
गुजरात सरकार की ओर से आयोजन की पहले स्वीकृति देना और आयोजन से दो दिन पहले ही इसे वापिस रद्द कर देना देशभर में दलित और बहुजन समाज में आक्रोश कारण बनता जा रहा है।
इस बीच दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने ऐलान किया है कि ‘आजादी कूच’ का आयोजन तय तारिख पर ही होगा.
इससे पहले जिग्नेश ने कहा था कि गुजरात सरकार ने अचानक दलितों के आजादी कूच की अनुमति को रद्द करने को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
जिग्नेश ने कहा कि सरकार के इस दलित विरोधी रवैए को देखते हुए देश भर का दलित समाज मेहसाणा कूच करेगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हितों के रक्षा के लिए दलित सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि दलितों की भारी भीड़ उमड़ने की आशंका के चलते गुजरात सरकार डर गई है. इसलिए आखिरी समय पर सरकार ने इसकी अनुमति को रद्द किया है।