सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने अपनी दो शिष्यों के साथ रेप के मामले में दोषी ठहराये गये डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सोमवार को 20 साल की सज़ा सुनाई।
राम रहीम को दो साध्वियों के साथ रेप के आरोप में 10-10 साल की अलग-अलग सज़ा भुगतनी होगी। साथ ही कोर्ट ने रामरहीम पर 30 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक के सुनारिया जेल में बनाये गए स्पेशल कोर्ट में यह फैसला सुनाया। बीते शुक्रवार को इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से गुरमीत इसी जेल में बंद है।
अभियोजन पक्ष के वकील ने दोषी के कृत्य का हवाला देते हुए अधिकतम सजा सुनाने की मांग की। बता दें कि सीबीआई ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों पर दिसंबर 2002 में यह मामला दर्ज किया था।
रेप का मामला दर्ज किए जाने के करीब पांच साल बाद सीबीआई ने जुलाई 2007 में अंबाला की कोर्ट में डेरा प्रमुख के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जसीट में 1999 और 2001 के बीच दो साध्वियों का यौन शोषण करने का उल्लेख किया गया था।
स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सितंबर 2008 में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आरापधिक रूप से डराना धमकाना) के तहत राम रहीम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।
साल 2009 और 2010 में दोनों शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट के सामने अपने बयान दर्ज करवाए थे। बाद में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट को अंबाला से पंचकूला ट्रांस्फर कर दिया गया और डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला भी पंचकूला सीबीआई कोर्ट में ट्रांस्फर हो गया।
जुलाई 2017 में कोर्ट ने मामले की नियमित सुनवाई का आदेश दिया और अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस 17 अगस्त 2017 को पूरी हो गई। इसमें 25 अगस्त को राम रहीम को दोषी ठहराया गया।