नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमी स्वामित्व पर सुप्रीमकोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान जस्टिस सुहैल एजाज़ सिद्दीकी ने कहा कि इंसाफ का यह भी तकाज़ा है कि इस मामले को संवैधानिक बेंच में ट्रांसफर किया जाए और एम इस्माइल फारूकी वाले गलत फैसले की सुधार की जाए क्योंकि यह फैसला गलत था।
Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
गौरतलब है कि पिछले 6 जुलाई को उक्त मुक़दमा की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी और अब अगली सुनवाई 13 जुलाई को होनी है, इस मुक़दमा में बाबरी मस्जिद के पक्षों की ओर से मांग किया गया है कि इसको 5 सदसीय संवैधानिक बेंच में ट्रांसफर किया जाए, क्योंकि यह मामला बहुत ही संवेदनशील और गंभीर है।
इसके साथ ही जमीअत उलेमा हिन्द के वकील डॉक्टर राजीव धवन ने इस्माइल फारूकी फैसले को भी समाप्त करने की गुज़ारिश की है, इसी पर जस्टिस सिद्दीकी ने बताया कि आखिर संवैधानिक बेंच में इस मुक़दमा की सुनवाई क्यों जरूरी है? जस्टिस सिद्दीकी ने कहा है कि 1994 में सुप्रीमकोर्ट ने एम इस्माइल फारूकी बनाम भारत सरकार पर यह फैसला दिया था कि विरोधी के माध्यम स्वामित्व हासिल की जा सकती है लेकिन हकीकत यह है यह फैसला कानूनन गलत है।