यूपी में 13 मुस्लिमों ने छोड़ा इस्लाम, उलेमा बोले-मामले को गंभीरता से लेंने की ज़रूरत

बागपत में पुलिस के रवैये से क्षुब्ध एक मुस्लिम परिवार ने कथित रूप से हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया. हिंदू युवा वाहिनी (भारत) की देखरेख में मंगलवार को धर्मगुरु ने हवन कराकर 13 लोगों को विधिवत रूप से हिंदू धर्म स्वीकार कराया. उधर, धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने एसडीएम को इस संबंध में शपथपत्र भी सौंपे है. जिलाधिकारी ने इसकी पुष्टि भी की. इस बारे में पूछने पर जिलाधिकारी बागपत ऋषिरेंद्र कुमार ने बताया कि बड़ौत तहसील में कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के शपथ पत्र दिए हैं. हत्या के एक मामले की विवेचना से पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं थे.  युवा हिंदू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष शौकेंद्र खोखर ने मंगलवार को बताया कि छपरौली थाने के बदरखा निवासी अख्तर पिछले छह-सात माह से बागपत कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव के खुब्बीपुरा मोहल्ला में रह रहे हैं. अख्तर का आरोप है कि कई माह पहले उसके बेटे गुलहसन की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए शव फांसी पर लटका दिया गया था. बार-बार गुहार के बावजूद पुलिस ने भी इसे आत्महत्या मान लिया. बागपत कोतवाली पुलिस से उन्हें न्याय नहीं मिला.

वही ये मामला अब  धीरे-धीरे तूल पकड़ता दिख रहा है.आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य  इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है कि बागपत के उलेमाओं और तंजीमों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

फरंगी महली ने कहा कि बागपत मामले में जैसा की पता चला है, परिवार के लड़के की मौत हुई और उसे उस मामले में इंसाफ नहीं मिला. ये एक संजीदा बात है और हम समझते हैं कि बागपत के उलेमा और तंजीमों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्हें हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए कि उस परिवार का साथ दें और उसको इंसाफ दिलाने की कोशिश करें. फरंगी महली ने कहा कि दूसरी तरफ जिला प्रशासन आदि को भी ये देखना चाहिए कि इंसाफ के लिए कोई तंजीम धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर तो नहीं कर रही है. इन दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस केस पर मेहनत करने की जरूरत है.