बंगाल के बशीरहाट में ‘बांग्ला संस्कृति मंच’ के बैनर तले सोमवार को राखी उत्सव समारोह मनाया गया। इस समारोह में हिंदू और मुसलमानों ने एक दूसरे को राखी बांधकर दुनिया को अमन और भाईचारे का पैग़ाम दिया।
बदुरिया और बशीरहाट पिछले महीने उस वक्त सुर्खियों में आया था जब फेसबुक पर एक आपत्तिजनक फोटो शेयर करने से इलाके में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। तभी से इलाके में कई इंटरफेथ कार्यक्रमों को आयोजित करके सांप्रदायिक तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है।
यह कार्यक्रम एनजीओ ‘राइट्स टू लाइफ फाउंडेशन’ और एक स्थानीय मीडिया टाइम्स बांग्ला द्वारा आयोजित किया गया था। स्थानीय लोगों के अलावा, कोलकाता के कुछ सिविल सोसाइटी के सदस्य भी इस समारोह में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में साहित्यिक दुनिया, कलाकार, लेखकों, कवियों, शिक्षकों और पत्रकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों के करीब 20 बुद्धिजीवियों ने शिरकत की।
बशीरहट के एक बंगाली लेखक पन्नालाल मलिक ने कहा, “बंगाल के मौजूदा सियासी हालात की मांग है कि हम टैगोर के रास्ते का पालन करें, जिसने अंग्रेज़ों की ‘फूट डालो राज करो’ नीति को रक्षा बंधन का आयोजन करके नाकाम कर दिया था”।
उन्होंने कहा कि राखी के ज़रिए हम एक दूसरे को मुल्क की गंगा-जमुनी तहज़ीब याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।