RSS के नार्थ ईस्ट मिशन की वजह से संघ नेक्स्ट जेनेरेशन तक पहुंचा

भाजपा ने पिछले हफ्ते पूर्वोत्तर चुनावों में एक ऐतिहासिक प्रदर्शन की रचना की थी। सूत्रों का कहना है कि इसका श्रेय आरएसएस को जाता है कि जिन्होंने कार्य्रकम और एक रणनीति के तहत कैंपस में देशभर के लाखों छात्रों को अपने विचारधारा से जोड़ा। पूर्वोत्तर राज्यों में संघ के बड़े पैमाने पर विस्तार की वजह से भाजपा युवा समर्थन को जबर्दस्त जीत मिली है, आरएसएस परिसरों और हॉस्टलों में विशेष रूप से दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और पुणे जैसे क्षेत्रों में अपने फैलाव को और तेज करेगा। ।

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त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनावों के लिए आरएसएस ने अपने कैडर को उत्तर-पूर्वी छात्रों से जुड़ने के लिए कैंपस और हॉस्टलों की यात्रा के लिए इकट्ठा किया था।

तीन राज्यों में पहली बार मतदाता बड़ी संख्या में आरएसएस के विचारधारा से जुड़े थे, जिससे इन राज्यों में भाजपा को मजबूत पकड़ हासिल हुआ। त्रिपुरा में पहली बार 47,000 मतदाता थे, जबकि मेघालय और नागालैंड में यह संख्या 45,000 और 26,000 थी।

2014 से आरएसएस त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि पिछले तीन सालों में संघ ने बड़े पैमाने पर छात्र आउटरीच कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रमुख शहरों में हॉस्टल का दौरा किया और पूर्वोत्तर छात्रों को जोड़ा।