मरचैंट आयोरी की आसान अंग्रेज़ी वाली फ़िल्म बे फ़ो रद्दी रेन्स Before the rains के इन दिनों बड़े चर्चे हैं जो केरला के ख़ूबसूरत मुनाज़िर वाले मुक़ामात पर फिल्माई गई है जहां एक मलयाली मुलाज़िमा और एक अंग्रेज़ अफ़्सर की मुहब्बत बादअज़ां मुलाज़िमा की ख़ुदकुशी, अंग्रेज़ अफ़्सर के वफ़ादार मुलाज़िम पर मुलाज़िमा की मौत केलिए इस के शौहर का शक करना और अंग्रेज़ अफ़्सर की बीवी का भी हक़ायक़ से वाक़िफ़ होना, कहानी का हिस्सा है।
केरला के ख़ूबसूरत मुनाज़िर देखने वालों को मस्हूर करदेते हैं। कहानी उस वक़्त की है जब हिन्दुस्तान आज़ाद नहीं हुआ था। 1937 का ज़माना बताया गया है जब मुल्क के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर आज़ादी केलिए जद्द-ओ-जहद का सिलसिला जारी था। मुलाज़िमा का रोल नंदीता दास ने और अंग्रेज़ अफ़्सर के वफ़ादार मुलाज़िम का रोल राहुल बोस ने बहुत ही ख़ूबसूरती से अदा किया है।
इस मौक़े पर नंदीता दास ने कहा कि वो Before the rains की शूटिंग के बाद केराला से वापिस ही नहीं आना चाहती थीं क्योंकि वहां का माहौल उन्हें इस क़दर भा गया था कि दूसरे मुक़ामात उन्हें अच्छे ही मालूम नहीं होते थे। बहरहाल काफ़ी अर्से बाद वो बिलआख़िर मुंबई आ गईं। उन्होंने अपने मद्दाहों से इस फ़िल्म को देखने की ख़ाहिश की है।