बंगाल की एकमात्र अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी, जिसमें पिछले 4 महीनों से कुलपति की पद खाली

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार की पहली एकमात्र अल्पसंख्यक आलिया विश्वविद्यालय पिछले चार महीने से कुलपति के बिना ही चल रही हैं। प्रोफ़ेसर अबू तालिब खान की अवधि सितंबर में समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ नौशाद अली को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया था। वहीँ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वाइस चांसलर की नियुक्ति फरवरी के अंत तक होने की संभावना है।

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खबर के मुताबिक, उच्च शिक्षा के राज्य मंत्री पार्थिव चटर्जी ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि आलिया विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की घोषणा के लिए जल्दी ही सर्च कमिटी गठित की जाएगी। उधर आलिया विश्वविद्यालय शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय एक लंबी अवधि तक कुलपति के बिना नहीं चल सकती है।

इस समय कार्यकारी कुलपति हैं वे अपने दम पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कई ऐसे निर्णय हैं जो केवल कुलपति ही कर सकते हैं। इस लिए लंबित कामों की सूचि बढ़ती जा रही है। वाईस चांसलर के बिना विश्वविद्यालय गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है।