सबसे सफल मुक्केबाज गरीबी से ही आते हैं- माइक टायसन

बॉक्सिंग की दुनिया के बादशाह रह चुके माइक टाइसन शुक्रवार को पहली बार भारत आए। एयर पोर्ट पर उनके दीदार के लिए भारी संख्या में उनके फैंस मौजूद थे। उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकालने के लिए सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

टायसन इस समय भारत में कुमिते 1 लीग के उद्घाटन के लिए यहां हैं. यह भारत की पहली वैश्विक संयुक्त मार्शल आर्ट्स एमएमए लीग है जो शनिवार से शुरू हो रही है।

अपने आप को झुग्गियों से निकला मुक्केबाज बताने वाले पूर्व हैविवेट चैम्पियन अमेरिका के माइक टायसन का मानना है कि गरीबी में पलने-बढ़ने वाला शख्स एक अच्छा मुक्केबाज बन सकता है।

टायसन सबसे कम उम्र में हैवीवेट खिताब जीतने वाले मुक्केबाज हैं। उन्होंने 20 साल, चार महीने और 22 दिनों की उम्र में यह खिताब जीता था। टायसन ने इसकी पूर्व संध्या पर संवाददातओं से कहा, “मैं झुग्गी में पैदा हुआ।

मेरा सपना था कि मैं झुग्गी से बाहर निकलूं और इसलिए मैं यहां हूं। अगर कोई कड़ी मेहनत करता है तो झुग्गी से बाहर निकल सकता है। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आप जितने गरीब हैं उतने अच्छे मुक्केबाज भी। सबसे सफल मुक्केबाज झुग्गी से ही आते हैं। जो भी मुक्केबाज झुग्गी से आते हैं वह सफल होते हैं।