फेसबुक पर विदेशी महिला से दोस्ती के चक्कर में एक व्यापारी करोड़ों रुपए से हाथ धो बैठा । खबर भागलपुर की है जहां शहर के व्यापारी विनय कुमार सिंघानियां को फेसबुक से विदेशी महिला से दोस्ती करना काफी महंगा साबित हुआ।
महिला के झांसे में आकर अपनी पूंजी के एक करोड़ 20 लाख रुपए उसके कहे मुताबिक बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। अब अपने को ठगा सा महसूस कर यहां के थाना कोतवाली में छह जनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिस तरह से इन्हें झांसा दिया गया उससे जाहिर होता है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर ठगी करने का माहिर है।
पुलिस में में लिसा ओवेन, डा.किन वाल्स, मिस्टर ब्राउन, मुंबई के अदिति शर्मा, पटेल कुमार व जोधि काले के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । इन सब पर धोखाधड़ी, ठगी का आरोप है। विनय कुमार सिंघानिया ने पुलिस में पूरी जानकारी के साथ बाकायदा लिखित दरखास्त देकर शिकायत की है।
विनय के मुताबिक बीते साल दिसंबर में लिसा ओवेन से फेसबुक से दोस्ती हुई थी । उसने खुद को लंदन के हरफोर्ड थर्टी कैमल स्ट्रीट हेल्थ प्रो फर्मेशयुटिक्ल कंपनी का स्टाफ बताया। बातों बातों में उसने व्यापार का ऑफर दिया। बताया कि कंपनी को एक्वा श्लोटाइज हर्बल की आवश्यकता होती है। जो भारत में सस्ता और सुलभ है।
भारत में इसके सौ ग्राम की कीमत 2 लाख 58 हजार 400 रूपए है। जबकि लंदन में 65000 यूएस डॉलर है। जिसका भारतीय मूल्य 4 लाख 42 हजार 615 रूपए होता है। जाहिर है इस धंधे में बेहतर फायदा होगा। उसने मुंबई के अदिति शर्मा, पटेल कुमार और डा. किन वाल्स से इस मुतल्लिक बात करने को कहा। उसने उनके मोबाइल नंबर दिए।
व्यापारी सिंघानिया को धंधे में रकम दुगुनी का फायदा नजर आया और वो पैसों की लालच में आ गए । इसी साल जनवरी से अबतक किश्तों में आरटीजीएस के जरिए एक करोड़ 20 लाख करीब रूपए अपने खातों से उनके बताए बैंक खातों में ट्रांसफर करा दिए।
ये सभी बैंक खाते अलग अलग नामों और कई बैंकों के है। जो कलकत्ता, गोवा, गोरखपुर, दिल्ली, मुंबई, उड़ीसा के राउरकेला, बगैरह से जुड़े है। जिन खातों में भागलपुर की आईडीबीआई बैंक से किश्तों में रूपए भेजे गए उनके नाम है शर्मा ट्रेडिंग कंपनी (कलकत्ता ), प्रकांत जायसवाल (गोरखपुर), वनलाल डीका (गोवा ), साना इंटरप्राइजेज (मुंबई), रेहान अली (राउरकेला) बगैरह है। जाहिर है यह देश में ठगी करने वाला बड़ा गिरोह है और जिसका दायरा देश ही नहीं विदेश से भी जुड़ा है।
विनय सिंघानिया का कहना है कि इसके बाद से लिसा ओवेन ने अपना फेसबुक एकाउंट बंद कर दिया। सारे डाटा डिलीट कर दिया। किसी से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। बाकी लोगों के मोबाइल की घंटियां तो बजती है। लेकिन रिसीव नहीं होता।
विदेशी महिला की बातों में आने और इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करने के पहले विनय सिंघानिया ने अपने परिवार से भी न तो जिक्र किया और न ही मशविरा। पुलिस मामला विदेश से जुड़ा बताकर हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ठगी के शिकार व्यापारी का भागलपुर शहर में सीमेंट और दो पहिए वाहन का बड़ा कारोबार है।