केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के लिए बुरी खबर है, भागलपुर के एक कोर्ट ने उनके बेटे अर्जित शाश्वत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। शाश्वत पर जिला प्रशासन की अनुमति के बिना जुलूस निकालने का आरोप है, जिसके कारण साम्प्रदायिक हिंसा हुई।
शाश्वत की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि पूरे राज्य को शाश्वत के कारण साम्प्रदायिक हिंसा झेलनी पड़ रही है।
जो हिंसा का दौर भागलपुर से शुरू हुआ, वह फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दलील से नीतीश कुमार सरकार ने अपने सहयोगी बीजेपी को वर्तमान हिंसा के लिए जिम्मेदार माना है।
फिलहाल इस फैसले के बाद शाश्वत के पास अब कोर्ट में सरेंडर करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। भाजपा के अधिकांश वरिष्ठ नेता मानते हैं कि इस मामले में पार्टी की जो आलोचना हो रही है उससे बचने का यही एक मात्र विकल्प है।
लेकिन देखना है कि शाश्वत, जिन्होंने इस प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए पटना हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है वह उसके फैसले का इंतजार करते हैं या सोमवार को सरेंडर करते हैं?
साभार- ndtv इंडिया