भागलपुर : एक बात तो पक्की तौर पर कही जा सकती है कि भागलपुर के एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड और दो बैंकों पर जिला प्रशासन की ख़ास मेहरबानी थी। इसका नतीजा ये हुआ कि 600 करोड़ रुपये के सरकारी धन पर डाका पड़ा और बंदरबांट हुआ।
इतना ही नहीं इसके तहत शहरी विकास के लिए भेजी गई यह राशि गैर-सरकारी संगठन के खातों में पहुंची। अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
वहीं इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई जांच की मांग की। इसके साथ ही आरोप लगाया कि इस गैर सरकारी संगठन ‘सृजन’ से कई बीजेपी नेताओं के घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
लालू प्रसाद ने बीजेपी नेताओं शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन नेताओं के इस एनजीओ की संस्थापक मनोरमा देवी से संबंध थे। बता दें कि मनोरमा देवी की इसी अप्रैल में मृत्यु हो गई।
इन दोनों नेताओं की मनोरमा देवी के साथ फोटोग्राफ भी सामने आए हैं। हालांकि राजद नेता ने अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया. इस मामले में शाहनवाज हुसैन ने सफाई देते हुए कहा था कि वह मनोरमा देवी को जानते थे लेकिन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी।
इस मामले की प्राथमिक जांच से उजागर हुआ है कि मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए सरकारी बैंकों में पैसा जमा हुआ जो कि गैर-सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में ट्रांसफर हो गया।
अब तक कुल मिलाकर इस केस में पांच केस दर्ज हो चुके हैं। इस घोटाले के तार अन्य जिलों तक पहुंचने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बैंकों में जमा सरकारी धन की पड़ताल करने को कहा है।