भागवत का बयान RSS के ख़ुफ़िया एजेंडे को भी बेनक़ाब करता है: पोपुलर फ्रंट

नई दिल्ली: युद्ध की स्थिति में सेना और स्वंय सेवकों की तैयारी के हवाले से आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के विवादित बयान की निंदा का सिलसिला जारी है। जमाते इस्लामी के नेतृत्व में चलने वाली संगठन वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया और दक्षिण भारत की राजनितिक संगठन पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने भागवत के बयान को शर्मनाक, चिंताजनक बताते हुए आरएसएस के सैन्य महत्वाकांक्षाओं की इन्क्वायरी की मांग की है।

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भागवत के इस बयान कि ‘अगर देश की सरहदों कि सुरक्षा क्र लिए ज़रूरत हो तो उनकी संगठन सिर्फ तीन दिनों के अंदर फ़ौज खड़ी कर सकती है’ जबकि युद्ध के लिए हमारी फ़ौज को 6 से 7 दिन लग जायेंगे’ पर माफ़ी मांगने की मांग भी किया जा रहा है।वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सय्यद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का यह बयान न सिर्फ हमारी सेना के लिए अपमानजनक है बल्कि इस संगठन के ख़ुफ़िया एजेंडे को भी बेनक़ाब करता है।

आरएसएस ने हमेशा यह कहा कि वह एक सामाजिक और सांस्क्रतिक संगठन है। पहले भी आरएसएस और उसके लोगों पर आतंकवादी, चरमपंथी और आक्रमकता के आरोप लगते रहे हैं, अब तो आरएसएस के प्रमुख खुद स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी संगठन के पास यह सलाहियत मौजूद है कि महज़ तीन दिन के अंदर वह अपने स्वंय सेवकों को युद्द के लिए देश की सीमाओं पर भेज सकते हैं।