बीजेपी के करीबियों की नाराज़गी बढ़ती नज़र रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ (बीएमएस) ने आर्थिक समस्याओं को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है।
भारतीय मज़दूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा कि उनका संगठन अन्य श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर 17 नवंबर को दिल्ली में सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ मार्च निकालेगा। उन्होंने कहा कि इस जुलूस का मकसद श्रमिक वर्ग और आम आदमी के सामने मुंह बाए खड़े आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिए सरकार पर दबाव बनाना है।
सरकार के आर्थिक सलाहकारों पर हमला करते हुए उपाध्याय ने कहा कि वह देश की जमीनी सच्चाइयों से वाकिफ़ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ये हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़कर आए लोग हैं जिनका ज्ञान वहां के छोटे देशों तक सीमित है और इनके परामर्श को यहां भारत जैसे बढ़े देश में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह यहां व्यवहारिक नहीं है।
भारतीय मज़दूर संघ ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को मज़दूर और किसान विरोधी बताते हुए कहा कि देश में एक ऐसा वातावरण बनाने की कोशिश हो रहा है कि श्रमिक एवं श्रम कानून औद्योगिक विकास एवं रोजगार सृजन में सबसे बड़ी बाधा है।