BHU बवाल मामले में पूर्व VC जीसी त्रिपाठी को क्लीन चिट

बीते साल बीएचयू में छेड़छाड़ की घटना के बाद हुए बवाल की न्यायिक जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दी गई है। सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति वीके दीक्षित की समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी को क्लीन चिट दी है।

बीते 21 सितंबर को बीएचयू में छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद परिसर अशांत हो गया था। आगजनी, उपद्रव के साथ ही न्याय की मांग कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज की गूंज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंची। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मामला छाया रहा। मामले की जांच के लिए बीएचयू प्रशासन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस वीके दीक्षित की अध्यक्षता में समिति गठित की थी।

न्यायमूर्ति दीक्षित द्वारा दी गई रिपोर्ट बीएचयू की ओर से मानव संसाधन मंत्रालय को भेज दी गई है। इस जांच रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा के साथ छेड़छाड़ और बाद में हुई घटनाएं बीएचयू और तत्कालीन कुलपति को अस्थिर करने की साजिश के तहत की गईं। इसमें कुलपति की तरफ से कोई चूक नहीं हुई थी। अगर बाहरी लोगों का हस्तक्षेप नहीं होता तो आंतरिक रूप से इसका हल निकल सकता था।

रिपोर्ट में राजनीतिक साजिश की ओर भी इशारा किया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बीएचयू के शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम थे। बीएचयू के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने रिपोर्ट की गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

प्रो. जीसी त्रिपाठी, पूर्व कुलपति बीएचयू एवं अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा, ‘अभी मैंने कमेटी की रिपोर्ट देखी नहीं है इसलिए रिपोर्ट पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित प्रतीत नहीं होगा। रिपोर्ट के संबंध में जो बातें बताई जा रही हैं, उसे मैं शुरू से ही कहता आ रहा हूं। अगर ऐसा है तो सच सबके सामने आ गया है। मैंने बीएचयू को महामना की तपोभूमि और अपनी कर्मभूमि मानकर सच्चे मन से सेवा की।’