बनारस हिंदू युनिवर्सिटी (बीएचयू) की एक छात्रा के साथ गुरुवार देर शाम विश्वविद्यालय परिसर में हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद से छात्राओं में जबरदस्त आक्रोश है। शुक्रवार को छात्राओं ने पीएम मोदी के वाराणसी दौरे से पहले इस घटना के विरोध में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया। छात्राओं के आक्रोश को देखते हुए पीएम मोदी को भी अपना रास्ता बदलना पड़ा।
ख़बर के मुताबिक, बीती शुक्रवार रात से करीब 200 छात्र-छात्राएं प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के कुलपति से मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है।
घटना के बारे में बताते हुए विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने कहा कि गुरुवार शाम करीब छह बजे बाइक सवार तीन युवाओं ने उनकी दोस्त को छेड़ा और कुर्ते के अंदर हाथ डालने की कोशिश की। जब आरोपियों के खिलाफ शिकायत की गई तो उलटे पीड़िता से ही सवाल पूछा गया और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए। जबकि छात्रा ने बताया था कि उसके साथ क्या हुआ है।
पीड़िता ने छात्रावास जाकर अन्य छात्राओं को घटना की जानकारी दी। जिसपर सभी छात्राओं ने बड़े पैमाने पर कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया। छात्राओं का कहना है कि वो इस बात से बहुत खुश हैं कि इस मुहिम में विश्वविद्यालय के छात्र भी उनके साथ हैं।
छात्राओं ने मामले में लिखित शिकायत भी की है। चीफ प्रोटेक्टर को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘छात्राओं को आए दिन अनेक सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। छात्रावास आने-जाने का रास्ता भी सुरक्षित नहीं है। आए दिन छेड़खानी होती रहती है। यहां तक अंतर्राष्ट्रीय छात्राओं को भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लड़के छात्रावास के बाहर आकर आपत्तिजनक हरकतें करते हैं। वो हस्तमैथुन करते हैं। पत्थर फेंकते हैं। छात्राओं के खिलाफ आपत्तिनजक शब्द बोलते हुए निकलते हैं।’
बता दें कि यह घटना उस प्रोक्टोरियल बोर्ड की चौकी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर हुई है जिसके ऊपर पूरी बीएचयू की सुरक्षा का जिम्मा है।
अन्य छात्राओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां छात्राओं को बहुत कम सुरक्षा दी गई है। यहां उत्पीड़न बहुत ही आम बात है। आमतौर पर छात्राओं को रोज़ ऐसी परिशानियों से गुजरना पड़ता है। कई छात्राएं इसी वजह से पढ़ाई बीच में छोड़कर यहां से जा चुकी हैं।
वहीं, छात्राओं के आंदोलन से बीएचयू प्रशासन काफी परेशान है। लड़कियों को आंदोलन में जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने महिला हॉस्टल के मेन गेट पर ताला लटका दिया है। छात्राएं एक तरह से हॉस्टल के अंदर ही कैद हो गई है। सोशल मीडिया पर हॉस्टल की फोटो सामने आने के बाद से ही बीएचयू प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।