दलितों के आंदोलन से भाजपा के मिशन 2019 को कड़ा झटका

लखनऊ: एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ दलित बिरादरी जिस हिंसक अंदाज़ में सड़क पर उतरी उससे भाजपा और आरएसएस खेमे में खलबली मच गई है। भाजपा और आरएसएस के सीनियर नेता इसे मिशन 2019 के लिए सीधे एक बड़े चैलेंज के तौर पर देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि अगर जल्द ही दलितों के इस गुस्से को कम नहीं किया गया तो अगले लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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दरअसल भाजपा के केंद्र और यूपी के सत्ता पर बिठाने में दलितों का अहम रोल रहा है। 2014 के आम चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी खास पार्टी बसपा और नेता मायावती से पल्ला झाड़ते हुए काफी बड़ी संख्या में दलितों ने भाजपा को वोट दिए थे। नतीजा यह हुआ कि बसपा लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी, जबकि विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या सिमट कर 19 पर रह गई।

अब जबकि एससी एसटी एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के विरोध में दलित बिरादरी ने केंद्र सरकार के खिलाफ जिस तरह ‘भारत बंद’ कर के अपनी एकजुटता और शक्ति का प्रदर्शन किया इससे भगवा खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। दलित बिरादरी इस बंद के दौरान भाजपा और आरएसएस को विशेषकर निशाना बना रही थी।