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बिहार में बाढ़ से तबाही जारी, अब तक 98 मौतें

बिहार में बाढ़ की हालत भयावह होती जा रही है। बाढ़ का पानी कुछ क्षेत्रों में अगर निकल रहा है, तो कई नए क्षेत्रों में फैल भी रहा है। बिहार की सभी प्रमुख नदियों के गुरुवार के जलस्तर में वृद्धि के कारण बिहार के 15 जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया है, जिससे करीब 93 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 98 तक पहुंच गई है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बुधवार तक बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर, गोपालगंज जिले के 73 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित थी और मरने वालों की संख्या 72 थी। अब बाढ़ का पानी सहरसा जिले में भी फैल गया है।

विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को यहां बताया कि राज्य के 15 जिलों के 98 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 98 तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा 20 लोग अररिया में मरे, जबकि पश्चिम चंपारण में 13, किशनगंज में आठ, पूर्णिया में पांच, सीतामढ़ी में 11, मधेपुरा में 12, सुपौल में एक, पूर्वी चंपारण में 14, दरभंगा में चार, मधुबनी में पांच, सहरसा में तीन, शिवहर में दो तथा सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

अमृत ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे 3़59 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन क्षेत्रों में 504 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें करीब 2़ 13 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 1,112 सामुदायिक रसोई खोले गए हैं, जिसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।

इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा पूर्वी चंपारण का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने बेतिया हवाई अड्डा स्थित हेलीपैड पर पश्चिम चंपारण जिले में आई बाढ़ प्रभावित इलाके में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की स्थिति की समीक्षा की।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें लगी हुई हैं। इन 15 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीमों के 1110 जवान अपनी 114 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीमों के 446 जवान 92 नौकाओं तथा सेना के 630 जवान 70 नौकाओं के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधन सचिव आऱ क़े महाजन ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए निजी चिकित्सकों को को भी काम पर लगाया जाएगा। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्टेशनों और रेलवे पटरियों तथा सड़कों पर बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण कई क्षेत्रों में आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। कई क्षेत्रों को संपर्क जिला मुख्यालयों से पूरी तरह से कई गया है।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इन इलाकों से गुजरने वाली 39 ट्रेनों को 20 अगस्त तक रद्द कर दिया गया है। कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या उनके गंतव्य स्थान को कम किया गया है।

 

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