मोदी सरकार इस देश के मुसलमानों से मज़हबी आज़ादी को छीन लेना चाहती है: मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी

  • अररिया: जिला के जोकीहाट ब्लाक में स्थित स्कूल में सुरुक्षा शरियत वेलफेयर सोसाइटी के अधीन आयोजित सुरक्षा शरीयत सम्मेलन का आयोजन हुआ।
    सम्मेलन के मेहमाने खुसूसी मौलाना असरारुल हक कासमी ने जनता से ख़िताब करते हुए लाल कहा कि केंद्रीय सरकार ने तीन तलाक के बहाने शरियत में बिला वजह हस्तक्षेप की है, हालाँकि उसे हरगिज़ यह अधिकार प्राप्त नहीं है।

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उन्होंने कहा कि हम अगर पवित्र शरियत पर अमल करें तो इस बिल सहित दुसरे सरकारी आदेश और कानून बेमानी होकर रह जाएँगी। मौलाना कासमी ने कहा कि तीन तलाक के बहाने केंद्रीय सरकार मुसलमानों की धार्मिक आज़ादी छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को परेशान करने की नियत से यह बिल लाया गया है।

इंशाअल्लाह यह बिल कानून का रुप इख़्तियार नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म की जड़ कुरान पाक है। कुरानी आदेशों में बदलाव पर मुसलमान खामोश नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि इस देश की बदकिस्मती है कि यहां की सरकार इस तरह के मुद्दों पर कानून बना रही है। आगे कहा कि देश की एकता का रज संविधान को मानने में है। संविधान के उल्लंघन से बेचैनी में बढ़ोतरी होगा और देश की तरक्की के बजाय गिरावट की ओर बढ़ेगा।