पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को खुले में शौच से मुक्तथ करने के लिए महत्वांकांक्षी स्व्च्छ भारत अभियान योजना को लागू किया है। इसके तहत शौचालय निर्माण के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है। इसके बावजूद अधिकारियों ने अमीना को शौचालय बनाने के लिए पैसा देने से इनकार कर दिया। लेकिन अमीना ने हिम्मात नहीं हारी, और भीख मांगकर शौचालय तैयार कर ली। इस महिला की प्रतिबद्धता की चर्चा आजकल हर तरफ हो रही है।
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खबर के मुताबिक, यह कहानी बाढ़ प्रभावित कोसी क्षेत्र के पथरा उत्त र गांव की अमीना खातून की है। यह गांव सुपौल जिले के पिपरा ब्लॉभक में स्थित है। अमीना के पास शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं थे। इसके लिए उन्होंतने स्व च्छक भारत अभियान के तहत ब्लॉनक के अधिकारियों से फंड आवंटित करने की गुहार लगाई थी, लेकिन अफसरों ने उनकी एक न सुनी। अमीना ने हिम्म त नहीं हारी। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंयने शौचालय बनाने के लिए आसपास के गांवों में भीख मांगनी शुरू कर दी।
धीरे-धीरे उनके पास टॉयलेट निर्माण के लिए पैसे इकट्ठे हो गए। इसके लिए अमीना ने एक राजमिस्त्रीर और एक मजदूर को काम पर रखा था, लेकिन शौचालय बनाने के प्रति अमीना की प्रतिबद्धता को देखते हुए दोनों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया था। उनके इस प्रयास को देखते हुए जिला प्रशासन ने रविवार को उन्हें सम्माेनित किया।
बता दें कि अमीना के पति का पहले ही निधन हो चुका है। उनका एक बेटा है। वह मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने बच्चेत का पेट भरती हैं। अमीना ने दावा किया कि उन्होंूने टॉयलेट बनाने के लिए फंड देने को लेकर ब्लॉनक स्तिर के अधिकारियों के पास आवेदन किया था, लेकिन अफसरों ने उनकी बात को अनसुनी कर दी थी।