बिहार: विश्वविद्यालयों में नामांकित छात्रों की संख्या के आधार पर होंगी प्रोफेसरों की सीटें

पटना: विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की सीटों को लेकर राज्य सरकार ने नये सिरे से सीटों के निर्धारण की बात कही है। राज्य सरकार ने कहा है कि बिहार यूनिवर्सिटी सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में अब नामांकित छात्रों की संख्या के आधार पर प्रोफेसरों की सीटंय घट-बढ़ सकती हैं। आगे यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से विवि प्रशासन को पत्र मिलने के बाद इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है।

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खबर के मुताबिक, बुधवार को विवि के अधिकारी ने बताया कि सभी कॉलेजों के हरेक विषयों में पिछले कुछ साल में नामांकित हो रहे छात्रों की संख्या की समीक्षा की जाएगी। जहां जिस विषय में छात्र घटते क्रम में दिखेंगे वहां प्रोफेसरों की सीटों की संख्या कम कर दी जाएगी। छात्रों के बढ़ते क्रम दिखने पर वहां सीटें बढ़ेंगी। प्रस्ताव तैयार करने के लिए तमाम कॉलेजों को पत्र भेजकर रिपोर्ट विवि में मंगाई जाएगी। विवि की ओर से प्रस्ताव तैयार करने के बाद विवि के विभिन्न निकायों की इसपर मुहर लगेगी और इसे सरकार को भेज दी जाएगी।

इस वक्त 39 अंगीभूत कॉलेज व 22 पीजी विभागों को मिलाकर 1861 शिक्षकों के सीटें हैं। मगर इस वक्त करीब सात सौ ही कार्यरत हैं। बहुत प्रोफेसर सेवानिवृत हो चुके हैं। कुछ विषयों में कुछ दिन पूर्व कई शिक्षकों की बहाली हुई है। जहां जरुरत से ज्यादा शिक्षक होंगे, उन्हें अन्यत्र भेजा जाएगा। तय सीटों के सापेक्ष खाली रहे पदों पर छात्रों की संख्या को देखते हुए वहां शिक्षक बहाल किये जाएंगे।

सरकार के उक्त निर्देश के बाद कई विषयों में सीटें बढ़ेंगी जबकि विज्ञान संकाय के कुछ विषय में सीटें घट सकती हैं। कला संकाय में कुछ भाषा सहित परपंरागत विषयों में सीटें घट सकती हैं। वस्तुस्थिति को देखते हुए विवि के जानकारों का मानना है कि बॉटनी में प्रोफेसरों की सीटें घट सकती हैं। जूलॉजी, गणित, फिजिक्स, इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों में सीटें बढ़ने की उममीद है।