जलालगढ़: प्रमान नदी के जल को दिशा देने वाली यह बांध खाता हाट-पीपरपांति से होते हुए मनवारे और सोनापूर को जाती है. अररिया और पुर्णियां की सीमा पर बने इस बांध को पूरे पुर्णियां जिले का सुरक्षा बांध भी कहा जाता है, क्योंकि यह बांध बाढ़ के पानी को रोकते हुए पूरे पुर्णियां जिले को सुरक्षा प्रदान करती है. लेकिन आज इसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
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आपको बता दें कि पिछले दो सालों से प्रमान नदी के जल स्तर को न संभाल पाते हुए यह बांध टूट जाता है. 2017 के बाढ़ में खाता हाट के समीप तार बांध 7 जगहों पर टूट गया. पूरे पुर्णियां जिला सहित लाखों लोग इससे प्रभावित हुए, कई मौतें हुईं, सैकड़ों घर बह गए, टनों अनाज के अलावा हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गया, जबकि हजारों लोग अपनी जान बचाते हुए सड़क पर आ गए थे.
जिला के सभी अधिकारीयों सहित फ्लड कंट्रोल विभाग विधायक और सांसद ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया, यही नहीं केंद्र की टीमों ने भी इसकी समीक्षा की. बावजूद इसके बाढ़ पूर्व इस बांध का कोई ठोस मरम्मत नहीं कराया गया. यहाँ के लोगों को अभी से ही बाढ़ का डर सता रहा है. यह लोग दशहत के साए में जीने को मजबूर हैं.
तियरपाड़ा पंचायत के पूर्व मुखिया तनवीर अंसारी ने बताया कि 2017 के बाढ़ से जलालगढ़, अमौर और जोकीहाट की तबाही ने पूरे देश को प्रभावित किया था, जान माल का नुकसान इतना हुआ कि यहाँ के लोग याद करते हुए भी काँप जाते हैं. उसके अतिरिक्त बाढ़ के बाद आवागमन तो सुचारू हो गया लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया, सिर्फ खानापूर्ति की गई है.
उन्होंने बताया कि अमौर के विधायक जलील मस्तान, कस्बा के विधायक अफाक आलम, किशनगंज के सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी और पुर्णियां के सांसद संतोष कुशवाहा न सिर्फ स्थिति से अवगत हैं, बल्कि क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं. लेकिन स्थिति जैसी की तैसी है, बांध पर जो काम हुआ है वह नाकाफी है.