पुर्णियां: परखंड जलालगढ़ के पंचायत चक के गाँव बैसा रहिका में कोसी नदी के जल स्तर बढ़ने के कारण बैसा रहिका पूरी तरह जल मग्न हो गया है पूरा गाँव चारों तरफ पानी से घिर गया है जन सम्पर्क का सिर्फ एक मात्र विकल्प नाव ही रह गया है जो सिर्फ एक की संख्या में है जो 2000 आबादी वाले इस गाँव के लिए ना काफी है.
लोगों के घर आंगन में पानी घुस जाने के कारण लोग अपने घरों से बाहर सूखे एरिये में निकल आये हैं जो सिर्फ 500 sq fit है जहाँ खुले मैदान में लोग रह रहे हैं जबकि सर छुपाने के लिए उनके पास कोई विकल्प पिंडाल या त्रिपाल या प्लास्टिक के रूप में कुछ भी नहीं है और न ही प्रशासन या स्थानीय लीडरों से कोई मदद मिल सका है, स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान पता चला कि दो दिन पहले वीडियो साहब आकर आश्वासन दिए थे कि आप लोगों के लीए बहुत जल्द कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया जाएगा परन्तु अभी तक कुछ सामने नहीं आया, आपको बता दें कि लगातार हो रही भारी बारिश से लोग बुरी तरह प्रभावित हैं जिस कारण उनकी जिंदगी एक गंभीर समस्या से जूझ रही है जन जीवन अस्थ व्यस्त हो चूका है खाने यहाँ तक कि पीने का साफ़ पानी तक प्राप्त नहीं है.
एक NGO बाल सखा के कार्यकर्ता मोहम्मद तसनीफ अंसारी ने उस एरिये का मुआयना किया जहाँ पहुंचना उसके लिए बहुत मुश्किल था उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटे से एरिये में लोग किस प्रस्तिथि का सामना कर रहे हैं जहाँ वयवस्था जैसी कोई भी चीज़ सरकार या स्थानीय अधिकारी की ओर से प्राप्त नहीं है लोग दहशत में हैं और अपने मवेशियों के साथ थोड़े से एरिये में रहने को मजबूर हैं. उल्लेखीय है कि पूरे सीमांचल में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रमाण नदी के किनारे मनवारे का मुख्य सम्पर्क बाँध दो दिन पहले टूटने से भारी तबाही मची हुई है जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं जिसे लगातार कटाव को रोकने केलिए मिटटी भराई का काम चल रहा है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आया है उसी के निकट तियरपाडा पंचायत के सोनापुर बांध को भी गंभीर स्तिथि का सामना है लोगों में दहशत का माहोल है वे रात को गश्त करते नजर आ सकते हैं और सोनापुर से लेकर खाताहाट तक पूरे बाँध की स्तिथि भयावह है जगह जगह बाँध के नीचे से पानी का रिसाव होता रहता है स्थानीय लोग और जल संसाधन विभाग की मदद से बांध में मिटटी डालकर रोकथाम का काम कर रहे हैं.