उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को गुजरात सरकार से साल 2002 के बिलकिस बानो मामले में गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी करने के लिए कहा।
Supreme Court granted two weeks time to Gujarat government to decide as to what disciplinary action has to be taken against the six police personnel, who were indicted by state High Court for a botched up investigation into Bilkis Bano gang rape case during 2002 Gujarat riots.
— ANI (@ANI) March 29, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह बिलकिस बानो की ज्यादा मुआवजा मांगने वाली याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं।
Bilkis Bano case: Supreme Court asks Gujarat government to take action against erring cops in two weeks https://t.co/3LI2XOycqV pic.twitter.com/fT2MnX4q0w
— Hindustan Times (@htTweets) March 30, 2019
बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार की पांच लाख रुपये का मुआवजा देने संबंधी पेशकश स्वीकार करने से पीठ के समक्ष इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने चार मई 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 218 (अपनी ड्यूटी का निर्वहन ना करने) और धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़ करने) के तहत पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को दोषी ठहराया था।