नई दिल्ली: एक हफ्ते पहले मोदी ने मानसून सत्र के लिए बीजेपी सांसदों को संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा था।
लेकिन सांसदों ने पीएम मोदी की इस गुजारिश को बहुत अच्छे तरीके से नजरअंदाज कर दिया। नतीजतन राज्यसभा में सरकार के संविधान संशोधन बिल के एक महत्वपूर्ण प्रावधान को हटाना पड़ा।
दरअसल सरकार ने नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन बिल पेश किया था। जिसे पास कराने के लिए दो-तिहाई वोट चाहिए थे। सदन में मौजूद सभी सांसदों का समर्थन चाहिए था।
केंद्र और विपक्ष के बीच एका बनाने के लिए सदन की कार्यवाही को कुछ मिनटों के लिए स्थगित किया गया। लेकिन आखिरकार सत्ता पक्ष के पर्याप्त सांसदों के न होने के कारण बिल पास नहीं हो सका।
इससे पहले सदन के सभापति ने केंद्र को इस बात का अंदेशा दिया था कि एक बार बिल गिर गया तो उसकी पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू करनी होगी।
जिसके चलते सरकार को फिर से लोक सभा में इसके लिए नया बिल पेश करके पास कराना होगा और फिर उसे राज्य सभा में पास कराना होगा।