नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले को लेकर लोक लेखा समिति (PAC) प्रमुख के वी थॉमस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समन करने वाले अपने बयान को वापस लेना पड़ा. दरअसल, वरिष्ठम कांग्रेस नेता के वी थॉमस के नेतृत्वन वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर के बाद पीएम को भी तलब करना चाहती था. लेकिन बीजेपी सदस्यों ने थॉमस के बयान को गलत बताकर इस पर विरोध करना शुरू कर दिया. बीजेपी सदस्यों ने धमकी दी थी कि जबतक बयान नहीं बदला जाएगा तबतक PAC को काम नहीं करने दिया जाएगा. बीजेपी सदस्यों ने कहा था कि थॉमस का बयान नियमों के खिलाफ है.
नेशनल दस्तक के अनुसार, बीजेपी सदस्यों की धमकी के बाद थॉमस ने नया बयान जारी करके कहा, ‘अकाउंट से जुड़ी कोई भी जानकारी देने, सबूत देने या पूछताछ के लिए किसी मंत्री को नहीं बुलाया जाएगा.’ बयान में यह भी कहा गया कि मंत्रियों से होने वाली बातचीत ‘अनौपचारिक’ तौर पर होगी और पीएम मोदी को इसके लिए समन नहीं किया जा सकता.
आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी सांसद निष्कांत दुबे ने थॉमस को पत्र लिखकर उनका विरोध किया था. यह भी कहा गया कि अगर पीएसी किसी मंत्री से पूछताछ करना भी चाहती है तो उसके लिए पीएसी के चेयरमैन और उसके सभी सदस्यों को लोकसभा स्पीकर से इजाजत लेनी होगी.