BJP के एक और सहोयगी ने दी NDA छोड़ने की धमकी, कहा- अल्टीमेटम के 12 दिन बीत चुके हैं

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक और सहयोगी दल ने एनडीए का साथ छोड़ने की धमकी फिर दी है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी गठबंधन नहीं चाहती है तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी. यूपी सरकार (UP Govt) में कैबिनेट मंत्री पद पर काबिज ओपी राजभर भाजपा की हमेशा आलोचना करते रहे हैं. राजभर का बयान ऐसे समय में आया है, जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन का ऐलान किया है.

राजभर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि वह भाजपा को 100 दिनों का समय दिया है, ताकि वह फैसला कर सके कि उसे मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दिए गए समय के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है तो उनकी पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘हम लोग भाजपा के साथ हैं. अगर भाजपा हमें साथ रखना चाहती है तो हम उनके साथ रहेंगे. अगर वे हाथ नहीं रखना चाहते तो हम उन्हें पहले ही 100 दिन दे चुके हैं. इनमें से 12 दिन बीत चुके हैं. 100 दिनों में जवाब नहीं मिला तो हम सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे.’

ओमप्रकाश राजभर ने तीन जनवरी को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चेतावनी दी थी. उन्होंने दो टूक कहा था कि अगर प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो जाएगी. सुहेलदेव भारतीय समता पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ने कहा था, ‘जब चुनाव नजदीक आता है तो भाजपा को सहयोगी दल याद आते हैं. इस बार बिल्ली मट्ठा भी फूंककर पीएगी.” सहयोगी दल पर दबाव बनाने की राजनीति संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, “अन्य दल दबाव की राजनीति करते होंगे, हम नहीं करते हैं. हम भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में इक्कीस महीने से नहीं गए. कार्यक्रम में तब जाऊंगा जब एनडीए की बैठक होगी और दोनों दलों का बैनर होगा, आमंत्रण पत्र मिलेगा.”

 

बता दें, केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) (Apna Dal) ने भी धमकी दी थी. अपना दल ने बीजेपी को दो टूक कहा था कि या तो वे अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार सुधारें या तो पार्टी ‘कोई भी निर्णय’ ले सकती है. अपना दल-सोनेलाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने लखनऊ में कहा था कि, ‘उनकी पार्टी वर्ष 2014 से भाजपा के साथ गठबंधन में है और पूरी ईमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन का पालन कर रही है, लेकिन यूपी में उसे बीजेपी ने उचित सम्मान नहीं दिया.’

इसके अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर असम की भाजपा नीत सरकार से असम गण परिषद (एजीपी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. एजीपी अध्यक्ष और मंत्री अतुल बोरा ने यह जानकारी देते हुए कहा था कि एजीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. इसके बाद यह निर्णय लिया गया. आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने के लिए लाया गया है.