BJP नेता वरुण गांधी का PM पर हमला, कहा-दो वर्षों में 50 हजार किसानों ने की आत्महत्या, अमीर क़र्ज़ लेकर भागे विदेश

इंदौर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड नेता और सांसद वरुण गांधी ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान 50 हजार से भी अधिक किसानों ने छोटे मोटे ऋण की वजह से आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरी ओर विजय माल्या 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर देश से फरार हो गया.

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प्रदेश 18 के अनुसार, भाजपा नेता श्री गांधी ने एक निजी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्रकारों को बताया कि देश में दो वर्षों में 50 हजार से अधिक किसानों ने छोटे ऋण की वजह से आत्महत्या की जबकि सरकारी आंकड़ों में यह संख्या महज साढ़े सात हजार है, दूसरी तरफ विजय माल्या ने हजारों करोड़ रुपये का ऋण लिया और देश छोड़ कर चले गए.
भाजपा नेता ने देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को धोखा करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार बोलती रहती है कि देश की जीडीपी 7 प्रतिशत रही है लेकिन तथ्य यह है कि देश में किसानों की आय केवल 1200 रुपये ही है. हालत यह है कि देश के केवल 3 लोगों की दौलत जमा की जाए तो वह 20 राज्यों की जीडीपी से अधिक है. जिस देश में कुपोषण से लोग मर रहे हैं वहाँ हर साल इतना गेहूं बर्बाद होता है जिसे एक के ऊपर एक रखा जाए तो आदमी चांद तक पहुंच जाएगा.

भाजपा नेता ने कहा कि अमीर विशेष रूप से बड़े घरों के लोगों का कर्ज माफ हो जाता है, जबकि गरीब की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने आर्थिक असमानता पर चर्चा करते हुए कहा कि विजय माल्या का ज़मानात दार बता कर जिस मनमोहन सिंह को गिरफ्तार किया गया, उसके बैंक खाते में केवल 1100 रुपए मिले थे. आज वह गारंटर जेल में है और माल्या विदेश में घूम रहा है.

श्री गांधी ने कहा कि 15 वर्षों से किसानों की वास्तविक कमाई में लगातार कमी हो रही है. वर्ष 1980 में यह 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी. वहीं वर्ष 1990 में यह 2 फीसदी हो गई. आर्थिक असमानता की स्थिति यह है कि लोग सिर्फ इसलिए शव अस्पताल के बाहर छोड़ जाते हैं कि उनके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं हैं. उन्होंने स्वास्थ्य के संबंध में कहा कि देश में लगभग पांच हजार बच्चे हर साल स्वास्थ्य सुविधा न मिलने की वजह से दम तोड़ देते हैं. स्वास्थ्य कारणों से हर साल 2 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हो जाते हैं. विदेश प्रत्येक गरीब व्यक्ति का सरकारी बीमा होता है, लेकिन हमारे देश में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न दिए जाने के सवाल के जवाब में श्री गांधी ने चुप्पी साध ली.