गुजश्ता महीने गुजरात के भरूच में दो बीजेपी लीडरों के क़त्ल की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क़त्ल के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी। इन दोनों का क़त्ल 1993 मुंबई धमाकों में मुजरिम और अंडरवर्ल्ड डॉन जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना के इशारे पर किया गया था।
ज़राये ने बताया कि एनआईए यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन क़त्ल का मकसद मुल्कभर में फिर्कावाराना तनाव फैलाने का तो नहीं था। साथ ही एजेंसी कत्ल में पाकिस्तान एजेंसियों और दाऊद इब्राहिम के किरदार की भी जांच कर रही है। आपको बता दें कि दोनों ही लीडर फिर्कावाराना शबिया वाले थे।
मंगल के रोज़ एनआईए ने एक आईजी रैंक के आफीसर को भरूच भेजकर चल रही जांच की निगरानी करने को कहा है। एजेंसी ने इन्हें ही बीजेपी और संघ के लीडरों को निशाना बनाने की साजिश का पर्दाफाश करने का काम सौंपा है।
एनआईए की एक टीम पहले से ही दो कॉन्ट्रैक्ट किलर्स आबिद दाऊद पटेल (जावेद चिकना का भाई) और सलीम गंची से पूछताछ कर रही है। मुबय्यना तौर पर इन्हें क़त्ल के लिए 50 लाख रुपये दिए गए थे।
आपको बता दें कि भरूच जिले में पार्टी के सदर और सीनीयर आरएसएस रूकन शिरीष बंगाली और भारतीय जनता यूथ मोर्चा के महामंत्री प्रग्नेश मिस्त्री की दो नवंबर को क़त्ल कर दिया गया था। इसके बाद गुजरात पुलिस ने आबिद और सलीम को गिरफ्तार किया था।
ज़राये ने बताया कि दिगर तीन बीजेपी लीडर इस गिरोह के निशाने पर हैं। ऐसा खदशा जताया जा रहा था कि जावेद चिकना ने निशाना बनाने के लिए बीजेपी और आसएसएस के कई लीडरों की फहरिस्त तैयार किया था ।
एजेंसियां इतना अलर्ट इसलिए हैं क्योंकि पीए मोदी 18-20 दिसंबर के दौरान डीजी/आईजी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए कच्छ जाने वाले हैं।